अम्मी खानसामा को क्या हुक्म दे रही थी? - ammee khaanasaama ko kya hukm de rahee thee?

इसे सुनेंरोकेंअगर तुम्हें घर में एक दिन के लिए सारे अधिकार दे दिए जाएँ तो तुम क्या-क्या करोगी? उत्तर 1 अगर हमें एक दिन के लिए सारे अधिकार दे दिए जाएँ तो हम:- घर पर सबको सुबह- सुबह पढ़ने बिठाएंगे। अपनी मर्ज़ी का खाना पकवायेंगे। खूब देर तक खेलेंगें।

जब सलीम की आँख ख ु ली तो आपा क्या कर रही थी?

इसे सुनेंरोकेंसलीम की आँख खुली, तो आपा नाश्ते की मेज सजाये उन दोनों के उठने का इन्तजार कर रही थी। अम्मी खानसामा को हुक्म दे रही थी कि हर खाने के साथ एक मीठी चीज जरुर पकाया करो। अन्दर आरिफ के गाने साथ भाईजान मेज का तबला बजा रहे थे और अब्बा सलीम से कह रहे थे कि “ स्कुल जाते वक्त एक चवन्नी जेब में डाल लिया करो क्या हर्ज है!”

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तर माल कौन से हैं बताओ?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: अंडे और मक्खन को तर माल कहा गया है। हलवा, पूरी, मालपुआ आदि को ‘तर माल’ कहा जा सकता है। दाल, चावल, रोटी, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि तरमाल नहीं लगतीं।

कहानी का नाम एक दिन की बादशाहत क्यों रखा गया है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: हमारे विचार से इस कहानी का नाम एक दिन की बादशाहत इसलिए रखा गया क्योंकि आरिफ़ और सलीम को सब बड़ों पर हुकुम चलाने का अधिकार मिला था। जिसके कारण उन्होंने सारे बड़ों को उनकी गलतियों का एहसास दिलाया। अत: इसका नाम “एक दिन की बादशाहत” पड़ा।

सबसे पहले आरिफ ने अम्मी को क्या आदेश दिया?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: दोनों ने तरकीब निकाली की वह अब्बा के पास जाकर दरखास्त देगें कि उन्हें बड़ों के सारे अधिकार दे दिए जाएँ और सब बड़े छोटे बन जाएँ।

सलीम ने किताब रखकर अम्मी की नकल कैसे उतारे?

इसे सुनेंरोकेंसब खाने बैठे, तो सलीम ने अम्मी को टोका “अम्मी, ज़रा अपने दाँत देखिए, पान खाने से कितने गंदे हो रहे हैं!” “मैं तो दाँत माँज चुकी हूँ,” अम्मी ने टालना चाहा! “नहीं, चलिए, उठिए!” अम्मी निवाला तोड़ चुकी थीं, मगर सलीम ने जबरदस्ती कंधा पकड़कर उन्हें उठा दिया।

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कितना हरीरा पिएँगी आप पेट फट जाएगा यह वाक्य किसने किससे कहा?

इसे सुनेंरोकेंअब दादी की बारी थी। जैसे ही उन्होंने बादाम का हरीरा पीना शुरू किया, आरिफ ने उन्हें रोका, “दादी! कितना हरीरा पिएँगी आप… पेट फट जाएगा!” इसी प्रकार आरिफ ने खानसामे को आदेश देकर अपने सामने अंडे और मक्खन रखवाया और घर के बाकी सदस्यों को दलिया और दूध-बिस्कुट देने को कहा।

आरिफ और सलीम सुबह सुबह क्या खाने के सपने देखते थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: आरिफ़ और सलीम को सुबह जल्दी उठना चाहिए और रात को समय पर सोना चाहिए। इन कामों के लिए उन्हें किसी को शिकायत का मौका नहीं देना चाहिए। यदि उन्हें गाने का मन और घर में रहकर खेलने का मन करे तो दूसरों के मना करने पर उन कामों को करना चाहिए।

एक दिन की बादशाहत कहानी के अनुवादक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: इस कहानी में आरिफ़ और सलीम ने सारे बड़ों से काम करवाया था। उन्होंने बड़ों को छोटा बना दिया और स्वयं सारे बड़ों वाले काम किए। अत: इस कहानी में आरिफ़ और सलीम एक दिन के असली बादशाह बन गए थे।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 10 एक दिन की बादशाहत

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 10 एक दिन की बादशाहत के प्रश्न उत्तर संशोधित रूप में सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड के छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र 2022-23 के अनुसार यहाँ दिए गए हैं। 5वीं कक्षा के छात्र हिंदी विषय की किताब रिमझिम के पाठ 10 के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर के साथ-साथ अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर भी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।

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आरिफ़ और सलीम को एक दिन की बादशाहत मिलने से क्या फ़ायदा हुआ?

आरिफ़ और सलीम को एक दिन की बादशाहत मिलने से परिवार में हो रहे उनके प्रति व्यवहार में अगले दिन से ही फर्क दिखने लगा था। जब अब्बा ने एक-आने की जगह चवनी ज़ेब में डालनी शुरू कर दी थी और परिवार में सभी उनकी जरूरत को अहमियत देने लगे थे।

एक दिन की बादशाहत मिलने से पहले आरिफ़ और सलीम की परिवार में क्या अहमियत थी?
एक दिन की बादशाहत मिलने से पहले आरिफ़ और सलीम दोनों की मुसीबत में जान थी। हर वक्त पाबंदी, हर वक्त तकरार और अपनी मर्जी से वे चूं भी नहीं कर सकते थे। पूरे परिवार में किसी ना किसी की डांट उन्हें खानी पड़ती थी।

एक दिन की बादशाहत मिलने के बाद आरिफ़ और सलीम ने क्या किया था?

एक दिन की बादशाहत मिलने के बाद आरिफ़ और सलीम ने परिवार के हर सदस्य को उसकी जुबान के अनुसार धमकाना और समझाना शुरू कर दिया था। जिससे उन्हें अपनी गलती का अहसास होने लगा था, कि उनके प्रति उनका व्यवहार गलत था। पूरे परिवार को अहसास दिलाया कि किस प्रकार जरूरत से ज्यादा ही उन्हें रोका-टोका जाता है।

आरिफ़ और सलीम ने मिलकर क्या योजना बनाई थी?
आरिफ़ और सलीम ने मिलकर योजना बनाई कि एक दिन उन्हें बड़ों के सारे अधिकार मिल जाएँ और सब बड़े छोटे बन जाएँ। यह दरखास्त उन्होंने अब्बा जान के आगे पेश की जो मान ली गई थी।

एक दिन की बादशाहत के बाद अगली सुबह सलीम की आँखे खुली तो उसने क्या देखा था?

एक दिन की बादशाहत के बाद सुबह जब सलीम की आंख खुली तो उसने देखा, कि आपा नाश्ते की मेज सजाए उन दोनों के उठने का इंतजार कर रही थी। अम्मी खानसामा को हुक्म दे रही थी कि खाने के साथ एक मीठी चीज जरुर पकाया करो। अंदर आरिफ़ के गाने के साथ भाई जान मेंज का तबला बजा रहे थे और अब्बा सलीम से कह रहे थे, “स्कूल जाते वक्त एक चवनी ज़ेब में डाल लिया करो क्या हर्ज हैं”।

पूरा परिवार आरिफ़ और सलीम की बात सुनकर पहले गुस्सा होते फ़िर उनकी बात क्यों मान रहे थे?

रोज़ाना की तरह सब को सलीम और आरिफ़ को डाँटने की आदत पड़ी हुई थी। लेकिन जब एक दिन की बादशाहत उन्हें मिली तो भी शुरु में सब भूल गए की आज पूरे दिन उन्हीं का हुक्म माना जाएगा।

बड़ों के सब अधिकार छीने जाने के बाद उन्हें किन बातों का अहसास हुआ?

बड़ो के सब अधिकार छिन जाने पर पूरे परिवार को अहसास हुआ कि जरूरत के अनुसार ही रोक-टोक होनी चाहिए। छोटों की ख़ुशी को भी अहमियत देनी चाहिए और उनका ख्याल रखना चाहिए।

सलीम ने खानसामा को क्या करने का आदेश दिया?

थोड़ी देर बाद खानसामा बेगम से यह पूछने के लिए आया कि खाने में क्या बनेगा, अम्मी को याद नहीं था कि उस दिन के लिए उन्हें अपने अधिकारों का प्रयोग नहीं करना है और उन्होंने खानसामे को आदेश देना शुरू कर दिया, “आलू, गोश्त ……” सलीम तुरंत आगे बढ़ आया और अम्मी की नकल उतारते हुए बोला, आज ये चीजें नहीं पकेंगी!

सलीम ने अम्मी को क्या कहा?

सब खाने बैठे, तो सलीम ने अम्मी को टोका " अम्मी, ज़रा अपने दाँत देखिए, पान खाने से कितने गंदे हो रहे हैं ! " “मैं तो दाँत माँज चुकी हूँ," अम्मी ने टालना चाहा ! 'नहीं, चलिए, उठिए! " अम्मी निवाला तोड़ चुकी थीं, मगर सलीम ने ज़बरदस्ती कंधा पकड़कर उन्हें उठा दिया।

एक दिन की बादशाहत मिलने के बाद आरिफ ने अम्मी को क्या आदेश दिया?

Answer: एक दीन की बादशाहत मीलने के बाद वह अममी से देर से उठने का अधीकार लेलीआ ओर खाना देने का आदेस छीनलीआ।

किसकी डांट सुनकर आरिफ गाना गाना बंद कर देता था?

(iv) सुबह - सुबह आरिफ और सलीम को जगा देती थीं । की डाँट सुनकर आरिफ गाना गाना बंद कर देता थाआरिफ और सलीम की डाँट पिलाई । सलीम ने किताब रखकर अम्मी की (v) ओफ्फो!