संसार में कुल कितने जीव हैं? - sansaar mein kul kitane jeev hain?

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यह गिनती करना बहुत ही मुश्किल हम कहे तो कठिन है क्योंकि संसार में अनंत जीव है जिसके बारे में हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं

yah ginti karna bahut hi mushkil hum kahe toh kathin hai kyonki sansar mein anant jeev hai jiske bare mein hum jante bhi hain aur nahi bhi jante hain

यह गिनती करना बहुत ही मुश्किल हम कहे तो कठिन है क्योंकि संसार में अनंत जीव है जिसके बारे म

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संसार में कुल कितने जीव हैं? - sansaar mein kul kitane jeev hain?
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एक ग्लोबल प्रोजेक्ट के तहत धरती पर मौजूद सभी जीवों और उनकी प्रजातियों को सूचीबद्ध करने का काम चल रहा है। अब तक इस कैटलॉग में 10 लाख जीवों के नाम उनकी विस्तृत जानकारी के साथ दर्ज हो चुके हैं। प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक कैटलॉग में अभी साढे़ सात लाख और जीवों के नाम जुड़ सकते हैं।

वॉशिंगटन स्थित नैशनल म्यूजियम ऑफ नेचरल हिस्ट्री के प्रोफेसर टॉमस ऑरेल और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के प्रोफेसर फ्रैंक बिस्बी की अगुआई में चल रहे इस प्रोजेक्ट से दुनियाभर के करीब तीन हजार जीव वैज्ञानिक जुड़े हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले छह साल से जारी काम के तहत अब तक 10 लाख 9 हजार जीवधारियों को हमने अपने डेटाबेस में रख लिया है। लिस्टिंग का काम साल 2011 तक चलेगा और रिसर्चरों को उम्मीद है कि तब तक यह संख्या 17.5 लाख पहुंच जाएगी। लेकिन वहीं प्रोजेक्ट में शामिल कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि धरती पर एक-दूसरे से बिल्कुल अलग जीवधारियों की कुल संख्या 80 लाख से लेकर एक करोड़ 20 लाख तक हो सकती है।

प्रो. ऑरेल के मुताबिक इस कैटलॉग में धरती के सभी ज्ञात जीवधारी दर्ज किए जाएंगे। इनमें पेड़-पौधों और जानवरों से लेकर जीवाणु तक शामिल होंगे। वह कहते हैं, यह आश्चर्य की बात है कि पिछली दो सदियों से जीववैज्ञानिकों की कोशिशों और मौजूदा समय में जैव विविधता के प्रति दुनियाभर में बढ़ती दिलचस्पी के बावजूद अब तक कोई ऐसा कैटलॉग नहीं है, जिसमें सभी ज्ञात जीवों को सूचीबद्ध किया गया हो।

'द इंटिग्रेटेड टैक्सोनॉमिक इन्फर्मेशन सिस्टम: स्पेसीज 2000 कैटलॉग' असल में एक अम्ब्रैला प्रोग्राम है, जो दुनिया के कई वैज्ञानिक संगठनों द्वारा मेनटेन किए गए डेटा तक एक्सेस मुहैया कराता है। मसलन, डिप्टरान मक्खियों से संबंधित जानकारी का रखरखाव अमेरिकी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की सिस्टमेटिक एंटोमॉलजी लैबरटरी द्वारा किया जाता है। इसी तरह लंदन, नीदरलैंड और न्यू यॉर्क स्थित नेचरल हिस्ट्री म्यूजियमों में क्रमश: कपड़-कीड़ा, ड्रैगनफ्लाई और मकड़ी की जानकारी रखी जाती है। कनाडा और पैरिस में एक्सपर्ट कुछ खास किस्म के कीड़े-मकोड़ों की जानकारी रखते हैं। दुनियाभर की जानकारियों को स्पेशल सॉफ्टवेयर के जरिए इस कैटलॉग में डालने से पहले जांचा-परखा जाता है। जीवों को उनके लैटिन या कॉमन नामों के जरिए कैटलॉग में ढूंढा जा सकता है।

प्रोफेसर बिस्ली कहते हैं कि एक आकलन के मुताबिक हर साल मछलियों की सौ नई किस्मों, दो हजार नए फूलों और हजारों कीड़े-मकोड़ों की पहचान की जाती है। स्तनधारियों में नई प्रजातियां बहुत कम देखने में आती हैं, हालांकि पिछले कुछ सालों में दुनिया की सबसे छोटी हिरण और हाथी की एक नई प्रजाति की खोज हुई है। इसके अलावा वेल की तीन नई प्रजातियां भी सामने आई हैं। अगर जीवों की नई प्रजातियां सामने आ रही हैं, तो बहुत संख्या में लुप्त भी हो रही हैं। ऐसे में यह जानने की सख्त जरूरत है कि आखिर धरती पर कितने तरह के जीव हैं। हमारा मकसद एक सिंगल कैटलॉग तैयार करना है, जिसमें धरती के सभी जीवधारियों को शामिल किया जा सके।

(एनबीटी)



वैज्ञानिकों के एक नए अनुमान के अनुसार दुनिया में जीव जंतुओं की क़रीब 87 लाख प्रजातियां हैं लेकिन इनमें से कई की पहचान अभी भी बाकी है.

वैज्ञानिकों ने पेड़ पौधों की पत्तियों और शाखाओं के अध्ययन के बाद ये निष्कर्ष निकाला है और कहा है कि सभी प्रजातियों की पहचान करने में कम से कम एक हज़ार साल और लगेंगे.

वैज्ञानिकों की टीम का यह शोध जर्नल पीएलओएस बायोलॉजी में छपा है जिसमें चेतावनी दी गई है कि कई प्रजातियां जल्दी ही लुप्त हो जाएंगी.

पृथ्वी पर विभिन्न प्रजातियों की संख्या का अनुमान लगाना एक बात है लेकिन इस संख्या की प्रमाणिकता हमेशा संदेह में रही है.

पीएलओस बायोलॉजी में ही छपे एक लेख में रॉयल सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष लॉर्ड रॉबर्ट में लिखते हैं, ‘‘ मानवता का अपने प्रति प्यार तो देखिए कि हम यह बता सकते हैं कि अमरीकी कांग्रेस की लाइब्रेरी में एक फरवरी 2011 के दिन , 22,194,656 किताबें हैं लेकिन ये निश्चित रुप से नहीं कह सकते कि दुनिया में कितने प्रकार के जीव जंतु हैं.’’

लेकिन अब लगता है कि हमारे पास लॉर्ड मे का जवाब आ गया है.

वैज्ञानिकों की शोध टीम के एक सदस्य डेरेड टिटेनसर ने बीबीसी न्यूज़ से कहा, ‘‘ हम कई वर्षों से इस बारे में सोचते रहे हैं. हमने कई तरह के एप्रोच से इन नंबरों की जांच की लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. ये आखिरी मौका था और ये आखिरी उपाय जिसमें हमें सफलता मिल गई.’’

डॉ टिटेनसर संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम के विश्व संरक्षण मानिटरिंग केंद्र से जुड़े हैं और ब्रिटेन में रहते हैं. उन्होंने कनाडा की डलहौज़ी और हवाई यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर इस योजना पर काम किया है.

शोध के अनुसार 87 लाख जीव जंतुओं में बड़ी आबादी जानवरों की है जबकि पौधे, प्रोटोजोआ, फंगी, अल्गी आदि की संख्या थोड़ी कम है.

पूरी दुनिया में कितने जीव हैं?

इस संदर्भ में डलहौजी यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि पृथ्वी पर लगभग 80 लाख 70 हजार जीव प्रजातियां हैं

दुनिया का पहला जीव कौन सा है?

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह डिकिनसोनिया है यानी धरती पर पैदा हुआ सबसे पहला ज्ञात जीव.

जीव की संख्या कितनी है?

Solution : वर्तमान में विज्ञान में 1.7 मिलियन जीव ज्ञात हैं। इनमें से 1.2 मिलियन जन्तु हैं तथा 0.5 मिलियन पौधे हैं।

भारत में जीवों की संख्या कितनी है?

जीवों की 540 प्रजातियों में से भारत के लिए नए रिकॉर्ड 134 हैं, जबकि 406 नई खोज हैं। साथ ही 2021 में तेरह नए जेनेरा मिले। नई पहचानी गई प्रजातियों में एक स्तनपायी प्रजाति, 35 सरीसृप प्रजातियाँ और मछलियों की 19 प्रजातियाँ हैं।