घरेलू बिजली कनेक्शन कितने वाट का होता है - ghareloo bijalee kanekshan kitane vaat ka hota hai

जैसा कि आप सभी जानते हैं, वर्तमान में बिजली से चलने वाले उपकरणों की वृद्धि होती जा रही है। इसीलिए बिजली कनेक्शन को अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया हैं। अधिकांश लोग इस महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित है कि Bijli connections Kitne prkar ke hote hain इस लेख में आप बखूबी जान पाएंगे कि Bijli Connection किस-किस रूप में, कितने प्रकार के तथा कैसे आवेदन किए जा सकते हैं। प्रत्येक कार्य के लिए बिजली कनेक्शन अलग-अलग स्थिति में तथा कार्य रूपरेखा के अनुसार चुनाव किया जाता है। सभी बिजली कनेक्शन की सप्लाई चैन, सरचार्ज, बिजली बिल उपभोक्ता राशि अलग-अलग दर पर निर्भर करती है।

आइए जानते हैं, बिजली कनेक्शन कितने प्रकार के होते हैं? वर्तमान में कौन-कौन से विद्युत कार्यों के लिए बिजली कनेक्शन उपलब्ध है? बिजली कनेक्शन के कितने प्रकार के हैं तथा इन में क्या अंतर है? क्या बिजली कनेक्शन के प्रकार के अनुसार वोल्टेज का भी फर्क होता है? बिजली कनेक्शन के प्रकार को लेकर संपूर्ण जानकारी लेख में दी जा रही है। इसलिए अंत तक लेख में बने रहिएगा।

बिजली कनेक्शन कितने प्रकार के होते हैं | Types of electricity connections

अधिकांश लोग बिजली कनेक्शन को घरेलू कनेक्शन (Domestic Connections) के रूप में अधिक पहचानते हैं। परंतु यह सही नहीं है वोल्टेज के अनुसार बिजली कनेक्शन अलग-अलग प्रकार के होते हैं। यदि हम वोल्टेज के अनुसार बात करें तो बिजली कनेक्शन दो प्रकार के होते हैं।

  • LT Connection (Low Tension Connection)
  • HT Connection (High Tension Connection)

जैसे कि आप जान चुके हैं कि बिजली कनेक्शन दो प्रकार के होते हैं। जिसमें LT Connection का फुल फॉर्म होता है Low Tension इसमें भी दो प्रकार के कनेक्शन होते है। सिंगल फेज और 3 फेज (3 phase)। सिंगल फेज में 230 वोल्ट का बिजली सप्लाई किया जाता है। थ्री फेज कनेक्शन में 440 वोल्ट का बिजली सप्लाई होता है। ये बिजली कनेक्शन घरेलु कनेक्शन के लिए उपयोग किये जाते है। इसी के साथ बिजली वोल्टेज का दूसरा प्रकार होता है हाईटेंशन (High Tension Connection)

LT/HT बिजली कनेक्शन क्या होता हैं

HT का फुल फॉर्म High Tension होता है। High Tension Connection में 11 हजार, 33 हजार और इससे अधिक वोल्ट के बिजली सप्लाई कि जाती है। अधिक वोल्टेज की बिजली का उपयोग हेवी मशीनरी तथा कारखानों में उपयोग किया जाता है। हाईटेंशन बिजली का उपयोग करने से पहले पूर्ण रूप से ट्रांसफार्मर सेटअप किया जाता है। हाईटेंशन वोल्टेज को उपयोग के अनुसार निर्धारित किया जा सके।

बिजली कनेक्शन वोल्टेज के अनुसार तथा उपयोग के अनुसार काम में ली जाती है। हाई वोल्टेज (High Tension Connection) में तथा लो वोल्टेज में बिजली कनेक्शन उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा बिजली उपयोग किए जाने पर भी तीन प्रकार के बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए जाते हैं जैसे:-

1.  Domestic Connection (घरेलु बिजली कनेक्शन)

2.  Commercial Connection (व्यावसायिक बिजली कनेक्शन)

3.  Industrial Connection (औद्योगिक बिजली कनेक्शन)

Domestic electricity connection:- डोमेस्टिक बिजली कनेक्शन घर में उपयोग किया जाता है। जिससे घरेलू मशीनरी जैसे फ्रिज, लाइट पंखा कूलर,  इत्यादि को चलाने के लिए उपयोग किया जाता है। घरेलू कनेक्शन में भी High Tension Connection / Low Tension Connection हो सकता है। परंतु अधिकांश तौर पर सिंगल फेस की आवश्यकता होती है। जिससे लो टेंशन घरेलू कनेक्शन कहते हैं। इसी के साथ हैवी विद्युत उपकरण प्रयोग किए जाने पर हाईटेंशन थ्री फेस की बिजली की आवश्यकता पड़ सकती है। यह सभी उपकरण डोमेस्टिक बिजली कनेक्शन के अंतर्गत चलाए जाते हैं।

 Commercial electricity connection:- कमर्शियल बिजली कनेक्शन का उपयोग व्यवसाय उपयोग के लिए किया जाता है। जिसमें बड़े रेस्टोरेंट, दुकाने, हॉस्पिटल, मूवी थिएटर, बड़ी कंपनियों में कमर्शियल बिजली कनेक्शन का उपयोग किया जाता है। कमर्शियल कनेक्शन में भी हाई टेंशन /लो टेंशन कनेक्शन लिया जा सकता है।

Types of Electricity Connection

Industrial Electricity Connection:- इंडस्ट्रियल बिजली कनेक्शन का उपयोग  बड़े स्तर पर किया जाता है। इस कनेक्शन के लिए हाईटेंशन लाइन (High Tension Connection) का होना आवश्यक है। इंडस्ट्रियल बिजली कनेक्शन (Industrial Bijli Connection का उपयोग बड़े कारखानों, फैक्ट्रियों, बड़ी होटल तथा विद्युत उपकरण बनाने हेतु हैवी मशीनों को ड्राइव करने के लिए उपयोग किया जाता है। इंडस्ट्रियल बिजली कनेक्शन केवल सरकार द्वारा इंडस्ट्रियल क्षेत्र निर्धारित किए गए स्थान पर ही लिया जा सकता है।

जैसा कि आप जान चुके हैं कि, बिजली कनेक्शन उपयोग के अनुसार तथा वोल्टेज के अनुसार अलग-अलग प्रकार के होते हैं। बिजली कनेक्शन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। जिन्हें हम घरेलू बिजली कनेक्शन, व्यवसायिक बिजली कनेक्शन,  इंडस्ट्रियल कनेक्शन के रूप में जानते हैं।

FAQ’s Bijli connections Kitne prkar ke hote hain

Q.  बिजली कनेक्शन कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. बिजली कनेक्शन का प्रकार वोल्टेज और उपयोग किए जाने की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि कम वोल्टेज के बिजली कनेक्शन की बात करें तो केवल घरेलू और कमर्शियल कनेक्शन ले जाते हैं। लो टेंशन लाइन के द्वारा कनेक्ट किया जाता है। हाईटेंशन लाइन बिजली कनेक्शन का उपयोग इंडस्ट्रियल क्षेत्र में किया जाता है। इसलिए मुख्य रूप से तीन प्रकार की बिजली कनेक्शन होते हैं।

Q. बिजली कनेक्शन के प्रकार कैसे निर्धारित होते हैं?

Ans. बिजली कनेक्शन दो प्रकार से निर्धारित किया जाता है। एक तो वोल्टेज के अनुसार उपयोग किए जाने पर दूसरा  उपयोग किए जाने के प्रकार तथा स्थिति पर निर्भर करता है।

Q.  हाईटेंशन बिजली कनेक्शन का उपयोग कैसे होता है?

Ans. हाईटेंशन बिजली कनेक्शन बहुत हैवी वोल्टेज पढ़ाई होती है। हाईटेंशन बिजली का उपयोग केवल इंडस्ट्री एरिया में किया जाता है।

2 किलोवाट में कितने वाट होते हैं?

| दो किलोवाट का कनेक्शन ले रखा है। यानी दो हजार वाट तक के उपकरण चला सकते हैं। जैसे- फ्रीज, पंखे, वाशिंग मशीन, लाइट, गीजर, टीवी, एसी कुछ भी। कुछ उपकरणों को आप एकसाथ चलाते हैं, जिनके कारण आपके यहां लगातार 30 मिनट तक कुल 2000 वाट से ज्यादा के उपकरण चले।

एक घर में कितने वाट बिजली होती है?

आपके घर में एलईडी बल्ब, पंखा, एसी, टीवी, फ्रिज, ट्यूबलाइट, माइक्रोवेव ऑवन, आइरन, वाशिंग मशीन, लैपटॉप और मिक्सर लगे हो सकते हैं. 9 वाट के 3 बल्ब अगर 10 घंटे जलते हैं तो इससे 270 वॉट बिजली खर्च होगी. इसी तरह 60 वाट के 4 पंखे घर में लगे हों और 12 घंटे चलें तो 2880 वाट बिजली खर्च होगी.

1 किलोवाट में कितने यूनिट बिजली होती है?

एक यूनिट में 1000 वाट होते हैं। बिजली की बुनियादी इकाई किलोवाट घंटा (केडब्ल्यूएच) है सरल शब्दों में, 1 किलोवाट एक घंटे के लिए 1 किलोवाट (1000 वाट) बिजली के हीटर द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा की मात्रा है। एक अन्य उदाहरण 1 घंटे के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला दस 100 वाट प्रकाश बल्ब है।

उत्तर प्रदेश में बिजली कितने रुपए यूनिट है?

प्रदेश के शहरी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जीरो से 100 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट 6.00 रुपये और 300 यूनिट के ऊपर 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से दरें निर्धारित की गई हैं।