Mp Civil Service Rules 1965 जानिए शासकीय सेवकों पर कौन-कौन से नियम है लागू, क्या है मध्यप्रदेश सिविल सेवा ( आचरण) नियम 1965. Show
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 1(3) :-किन्हें लागू
किन्हें लागू नहीं
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 3 :-शासकीय सेवकों के लिए वर्जित कार्य
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 3(क):तत्परता तथा शिष्ट व्यवहार की अपेक्षा
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 3 ख) :-समस्त समयों पर शासन की नीतियों का पालन करें
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 5 :-राजनीति तथा निर्वाचनों में भाग लेना
प्रदर्शन तथा हड़ताल में भाग लेना
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 7कोई भी शासकीय सेवक चाहे आकस्मिक अवकाश ही क्यों न हो, उसके स्वीकृत हो जाने के पूर्व (आपात दशा को छोड़कर) अवकाश पर प्रस्थान नहीं करेगा । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 9कोई भी शासकीय सेवक शासन शासन की पूर्व मंजूरी के बिना किसी समाचार – पत्र या अन्य नियतकालिक प्रकाशन तथा अन्य कोई मीडिया का पूर्णतः या अंशतः न तो मालिक बनेगा या उसका संचालन करेगा, न उसके संपादन अथवा प्रबंध में भाग लेगा और न ही विहित प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना या अपने कर्तव्यों का सद्भावनापूर्ण निर्वहन करने की स्थिति को छोड़कर, न तो कोई अन्य मीडिया प्रसारण में भाग लेगा और न किसी समाचार पत्र या पत्रिका में अपने स्वयं के नाम से या गुमनाम तौर पर कोई लेख देगा या पत्र लिखेगा । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 10कोई भी शासकीय सेवक किसी रेडियो प्रसारण, या अन्य मीडिया प्रसारण अपने नाम से या गुमनाम तौर पर कल्पित नाम से या अन्य किसी व्यक्ति के नाम से प्रकाशित किसी दस्तावेज में या समाचार-पत्र में दी गई किसी सूचना में या सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्त किसी उद्गार में ऐसा कोई तथ्य या राज प्रकट नहीं करेगा, जिसका परिणाम केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार की किसी प्रचलित या तात्कालिक नीति या कार्य की प्रतिकूल आलोचना करना हो मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1985 नियम 13शासन की या विहित प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना किसी भी प्रकार के उद्धेश्य के लिए नगदी में या वस्तु के रूप में कोई भी शासकीय सेवक न तो अंशदान मांगेगा / न स्वीकार करेगा या एकत्रित किये जाने पर स्वयं को अन्यथा संबद्ध करेगा । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1985 नियम 14कोई भी शासकीय सेवक दहेज न तो देगा या लेगा अथवा उसके देने या लेने के लिए किसी को प्रेरित करेगा अथवा यथास्थिति वधु या वर के माता-पिता या संरक्षक से दहेज या अन्यथा रूप से किसी दहेज की मांग करेगा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 14 ( 1 )कोई भी शासकीय सेवक कोई भी उपहार न तो स्वीकार करेगा और न उसे स्वीकार करने के लिए अपने कुटुम्ब के सदस्य या उसकी ओर से कार्य करने वाले किसी व्यक्ति को इसकी इजाजत देगा। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 19कोई भी शासकीय विहित प्राधिकारी के पूर्व जानकारी के बिना न तो स्वयं अपने नाम से और न अपने कुटुम्ब के किसी सदस्य के नाम से पट्टे, बंधक, कय, विकय, दान या अन्यथा न तो अर्जित की जायगी और न उसे हस्तांतरित की जा सकेगी मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 22कोई भी शासकीय सेवक एक पत्नी के रहते दूसरा विवाह नहीं करेगा । इसी प्रकार कोई भी महिला शासकीय सेविका ऐसे किसी व्यक्ति से विवाह नहीं करेगी, जिसकी पहले से एक पत्नी जीवित है । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 22 (3) एवं (4)प्रत्येक शासकीय सेवक भारत सरकार तथा राज्य सरकार के परिवार कल्याण संबंधित नीतियों का पालन करेगा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियमकोई भी शासकीय सेवक ऐसा कोई कृत्य नहीं करेगा जो कि महिला शासकीय सेवक के यौन उत्पीड़न की कोटि में आता हो यौन उत्पीड़न में निम्नलिखित अशिश्ट कामुक किया-कलाप सम्मिलित है- (1) शारीरिक संपर्क तथा कामासक्त व्यवहार (2) यौन सहमति की मांग या निवेदन (3) कामासक्त फब्ती (4) अश्लील साहित्य दिखाना (5) कामासक्त प्रकृति का कोई भी अन्य अशिश्ट, शारीरिक , शाब्दिक या सांकेतिक आचरण । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 23कोई भी शासकीय सेवक किसी सार्वजनिक स्थान में नशे की हालत में उपस्थित नहीं होगा, साथ ही किसी मादक पेय या औशधि का अभ्यासगत अति सेवन नहीं करेगा । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 23 (क )कोई भी शासकीय सेवक 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को रोजगार में नहीं लगायेगा ।
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