छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 22 के उप नियम 4 - chhatteesagadh sivil seva (aacharan) niyam 1965 ke niyam 22 ke up niyam 4

Mp Civil Service Rules 1965 जानिए शासकीय सेवकों पर कौन-कौन से नियम है लागू, क्या है मध्यप्रदेश सिविल सेवा ( आचरण) नियम 1965.

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मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 1(3) :-

किन्हें लागू

  • (1) मध्यप्रदेश राज्य के कार्यों के संबंध में सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त व्यक्यिों को ।
  • मध्यप्रदेश में कार्यरत कार्यभारित तथा आकस्मिक व्यय से वेतन पाने वाले
  • कर्मचारियों को ।
  • स्वायत्त संस्थाओं/ स्वशासी संस्थाओं में भी आचरण नियम लागू किए जाने के निर्देश जारी हुए है।
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 22 के उप नियम 4 - chhatteesagadh sivil seva (aacharan) niyam 1965 ke niyam 22 ke up niyam 4

किन्हें लागू नहीं

  • (1) अखिल भारतीय दायित्व की सेवाओं के अधिकारियों पर
  • (2) जिनके संबंध में राज्यपाल सामान्य या विशेष आदेश द्वारा अन्यथा घोषित करे ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 3 :-

शासकीय सेवकों के लिए वर्जित कार्य

  • (1) पूर्ण रूप से संनिश्ठ रहें
  • (2) कर्तव्यपरायण रहे ।
  • (3) ऐसा कोई कार्य नहीं करे जो उसके लिए अशोभनीय हो ?

छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 22 के उप नियम 4 - chhatteesagadh sivil seva (aacharan) niyam 1965 ke niyam 22 ke up niyam 4

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 3(क):

तत्परता तथा शिष्ट व्यवहार की अपेक्षा

  • (1) अपने पदीय कृत्यों के पालन में अशिश्टता से कार्य नहीं करे ।
  • (2) जनता के साथ पदीय संव्यवहार में या अन्यथा विलंबकारी कार्यनीति नहीं अपनाये और उसे सौपें गये कार्य को निपटाने में जानबूझकर विलंब नहीं करें
  • (3) ऐसा कुछ नहीं करे जो अनुशासनहीनता का द्योतक हो ।
  • (4) उसे आवंटित शासकीय आवास को वह किराये पर या पट्टे पर नहीं दे अथवा किसी व्यक्ति को अभिलाभ के लिए अधिभोग या उपभोग करने की अन्यथा इजाजत नहीं दे

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 3 ख) :-

समस्त समयों पर शासन की नीतियों का पालन करें

  • (1) विवाह की आयु का, पर्यावरण के परीक्षण का, वन्य जीव और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण से संबंधित शासन की नीतियों के अनुसार कार्य करेगा।
  • (2) महिलाओं के विरूद्ध अपराध के निवारण से संबंधित शासन की नीतियों का पालन करेगा।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 5 :-

राजनीति तथा निर्वाचनों में भाग लेना

  • (1) कोई भी शासकीय सेवक किसी राजनीतिक दल या किसी ऐसे संगठन जो राजनीति में भाग लेता हो , का सदस्य नहीं बनेगा और न उससे अन्यथा संबंध रखेगा ।
  • (2) वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को किसी ऐसे आंदोलन या कार्यकलाप में जो शासन के लिए विध्वंसकारी हो या जिसका आशय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विध्वंसकारी होने का हो, भाग लेने, उसकी सहायता के लिए चंदा लेने या किसी अन्य रीति से सहायता करने से रोकने का प्रयत्न करे । ऐसा करने पर असमर्थ होने पर शासन को इस आशय की रिपोर्ट करे ।
  • (3) कोई भी शासकीय सेवक किसी विधान मण्डल या स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन में न तो मत याचना करेगा न अन्यथा हस्तक्षेप करेगा न उसके संबंध में अपने प्रभाव का उपयोग करेगा किन्तु ऐसे निर्वाचन में मत दे सकेगा । मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 6 :-

प्रदर्शन तथा हड़ताल में भाग लेना

  • कोई भी शासकीय सेवक स्वयं को किसी भी प्रदर्शन में नहीं लगायेगा या उसमें भाग नहीं लेगा ।
  • अपनी सेवा या किसी अन्य शासकीय सेवक की सेवा से संबंधित किसी मामले में न तो किसी भी तरह की हड़ताल का सहारा लेगा और न किसी भी प्रकार से अभिप्रेरित करेगा ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 7

कोई भी शासकीय सेवक चाहे आकस्मिक अवकाश ही क्यों न हो, उसके स्वीकृत हो जाने के पूर्व (आपात दशा को छोड़कर) अवकाश पर प्रस्थान नहीं करेगा ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 9

कोई भी शासकीय सेवक शासन शासन की पूर्व मंजूरी के बिना किसी समाचार – पत्र या अन्य नियतकालिक प्रकाशन तथा अन्य कोई मीडिया का पूर्णतः या अंशतः न तो मालिक बनेगा या उसका संचालन करेगा, न उसके संपादन अथवा प्रबंध में भाग लेगा और न ही विहित प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना या अपने कर्तव्यों का सद्भावनापूर्ण निर्वहन करने की स्थिति को छोड़कर, न तो कोई अन्य मीडिया प्रसारण में भाग लेगा और न किसी समाचार पत्र या पत्रिका में अपने स्वयं के नाम से या गुमनाम तौर पर कोई लेख देगा या पत्र लिखेगा ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 10

कोई भी शासकीय सेवक किसी रेडियो प्रसारण, या अन्य मीडिया प्रसारण अपने नाम से या गुमनाम तौर पर कल्पित नाम से या अन्य किसी व्यक्ति के नाम से प्रकाशित किसी दस्तावेज में या समाचार-पत्र में दी गई किसी सूचना में या सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्त किसी उद्गार में ऐसा कोई तथ्य या राज प्रकट नहीं करेगा, जिसका परिणाम केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार की किसी प्रचलित या तात्कालिक नीति या कार्य की प्रतिकूल आलोचना करना हो

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1985 नियम 13

शासन की या विहित प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना किसी भी प्रकार के उद्धेश्य के लिए नगदी में या वस्तु के रूप में कोई भी शासकीय सेवक न तो अंशदान मांगेगा / न स्वीकार करेगा या एकत्रित किये जाने पर स्वयं को अन्यथा संबद्ध करेगा ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1985 नियम 14

कोई भी शासकीय सेवक दहेज न तो देगा या लेगा अथवा उसके देने या लेने के लिए किसी को प्रेरित करेगा अथवा यथास्थिति वधु या वर के माता-पिता या संरक्षक से दहेज या अन्यथा रूप से किसी दहेज की मांग करेगा

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-नियम 14 ( 1 )

कोई भी शासकीय सेवक कोई भी उपहार न तो स्वीकार करेगा और न उसे स्वीकार करने के लिए अपने कुटुम्ब के सदस्य या उसकी ओर से कार्य करने वाले किसी व्यक्ति को इसकी इजाजत देगा।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 19

कोई भी शासकीय विहित प्राधिकारी के पूर्व जानकारी के बिना न तो स्वयं अपने नाम से और न अपने कुटुम्ब के किसी सदस्य के नाम से पट्टे, बंधक, कय, विकय, दान या अन्यथा न तो अर्जित की जायगी और न उसे हस्तांतरित की जा सकेगी

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 22

कोई भी शासकीय सेवक एक पत्नी के रहते दूसरा विवाह नहीं करेगा । इसी प्रकार कोई भी महिला शासकीय सेविका ऐसे किसी व्यक्ति से विवाह नहीं करेगी, जिसकी पहले से एक पत्नी जीवित है ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965- नियम 22 (3) एवं (4)

प्रत्येक शासकीय सेवक भारत सरकार तथा राज्य सरकार के परिवार कल्याण संबंधित नीतियों का पालन करेगा

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम

कोई भी शासकीय सेवक ऐसा कोई कृत्य नहीं करेगा जो कि महिला शासकीय सेवक के यौन उत्पीड़न की कोटि में आता हो यौन उत्पीड़न में निम्नलिखित अशिश्ट कामुक किया-कलाप सम्मिलित है-

(1) शारीरिक संपर्क तथा कामासक्त व्यवहार

(2) यौन सहमति की मांग या निवेदन

(3) कामासक्त फब्ती

(4) अश्लील साहित्य दिखाना

(5) कामासक्त प्रकृति का कोई भी अन्य अशिश्ट, शारीरिक , शाब्दिक या सांकेतिक आचरण ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 23

कोई भी शासकीय सेवक किसी सार्वजनिक स्थान में नशे की हालत में उपस्थित नहीं होगा, साथ ही किसी मादक पेय या औशधि का अभ्यासगत अति सेवन नहीं करेगा ।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 23 (क )

कोई भी शासकीय सेवक 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को रोजगार में नहीं लगायेगा ।

नोट :- दी गई जानकारी सिर्फ मार्गदर्शन एवं संदर्भ के लिए है ।

टीम डिजिटल एजुकेशन पोर्टल